बलरामपुर पचपेड़वा: से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए आई महिला के साथ नाइट ड्यूटी में तैनात कंपाउंडर ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। आरोप है कि कंपाउंडर ने पीड़िता को बेहोशी का इंजेक्शन देकर इस घिनौनी हरकत को अंजाम दिया।
पीड़िता गुरुवार शाम को सीने में तेज दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची थी, जहां उसे भर्ती कर लिया गया। रात की ड्यूटी में तैनात कंपाउंडर ने परिजनों को किसी बहाने से बाहर भेजा और फिर दवा देने के नाम पर बेहोशी का इंजेक्शन दिया। पीड़िता के अनुसार, दो बार इंजेक्शन देने के बाद वह पूरी तरह होश में नहीं रही। कुछ समय बाद जब चेतना लौटी तो उसने खुद को असहाय स्थिति में पाया और किसी तरह बाहर जाकर परिजनों को आपबीती बताई।
अस्पताल प्रबंधन ने CCTV फुटेज देने से किया इनकार
परिजनों द्वारा अस्पताल प्रबंधन से शिकायत करने पर उन्हें धमकाया गया और मामले को दबाने की कोशिश की गई। परिजनों का आरोप है कि प्रबंधन की ओर से उन्हें यह चेतावनी दी गई कि अगर CCTV में आरोप गलत साबित हुए तो कानूनी कार्रवाई उन्हीं पर होगी। साथ ही, कुछ प्रलोभन भी दिए गए ताकि मामला बाहर न जाए।
FIR दर्ज, आरोपी कंपाउंडर गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई। क्षेत्राधिकारी तुलसीपुर बृजनंदन राय ने बताया कि आरोपी के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। अस्पताल के CCTV फुटेज को जब्त कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि मेडिकल और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
राजनीतिक रसूख पर उठे सवाल
मामला इसलिए भी संवेदनशील बन गया है क्योंकि यह अस्पताल सपा सरकार में दर्जा प्राप्त पूर्व मंत्री सलील सिंह टीटू का बताया जा रहा है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या राजनीतिक दबाव में मामले को दबाने की कोशिश की गई थी।
📌 यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि चिकित्सा संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ा देती है।