बलरामपुर नगर के सेंट जोसेफ्स डिज्नी वर्ल्ड पब्लिक स्कूल को लेकर गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस प्राइवेट स्कूल में न केवल शिक्षा विभाग के नियमों की अनदेखी हो रही है, बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।
बिना RTE दाखिले के स्कूल चला रहा कारोबार
अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल अभी तक U-DISE पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है, जिससे बच्चों की आधार-आधारित छात्र आईडी तक नहीं बन पाई है। स्कूल को यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, लेकिन इसका प्रचार-प्रसार सीबीएसई स्कूल के रूप में किया जा रहा है, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।
फीस निर्धारण के नियमों की उड़ रही धज्जियाँ
अभिभावकों का यह भी आरोप है कि स्कूल जिला शुल्क निर्धारण समिति द्वारा तय मानकों से दो गुनी फीस वसूल रहा है। इतना ही नहीं, RTE के तहत एक भी बच्चे का नामांकन नहीं किया गया है, जो कानून की स्पष्ट अनदेखी है।
पहले भी हो चुकी है गंभीर लापरवाही
अभिभावकों ने बताया कि पूर्व में एक छात्र स्कूल की छत से गिरकर घायल हो गया था। उस समय भी स्कूल प्रबंधन ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था। बच्चों की सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर अब भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
ऑनलाइन फीस जमा करने के बाद मिली परीक्षा में एंट्री
हाल ही में एक कक्षा 2 के छात्र को केवल इस आधार पर परीक्षा देने से रोक दिया गया क्योंकि फीस ऑनलाइन जमा नहीं की गई थी। जब छात्र के पिता स्कूल पहुंचे तो उन्हें जवाब मिला— “फीस जमा नहीं हुई तो परीक्षा नहीं देने देंगे।” मजबूरी में पिता ने तुरंत ऑनलाइन भुगतान किया, जिसके बाद ही छात्र को 9:30 बजे परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई।
बच्चों को लाइन में खड़ा कर किया गया अपमान
अभिभावकों ने बताया कि जिन बच्चों की फीस नहीं जमा हुई थी, उन्हें कक्षा से निकालकर लाइन में खड़ा कर दिया गया, जिससे मासूम बच्चे मानसिक रूप से आहत हुए और उन्हें शर्मिंदगी और डर की स्थिति में डाल दिया गया।
प्रबंधन और बीएसए ने झाड़ा पल्ला
स्कूल प्रबंधक सुयश आनंद ने कहा— “जो कहना था, डीएम के यहां कह चुका हूं। अब कोई पक्ष नहीं देना है।” वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने पहले तो मामला समझने से इनकार किया और बाद में कहा— “ये तो काफी पहले की बात है… मैं मीटिंग में हूं, बाद में देखूंगा।”
बच्चे का रो-रोकर दर्द बयान
13 मई की सुबह 7:30 बजे मासिक परीक्षा देने पहुंचे कक्षा 2 के एक छात्र को स्कूल प्रशासन ने फीस जमा न होने के कारण परीक्षा से वंचित कर दिया। बच्चे को अन्य छात्रों से अलग कमरे में बैठाया गया और परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया। जब पिता पहुंचे, तब तक छात्र घबराया हुआ था और रोते हुए बोला— “मेरी परीक्षा छूट गई है, अब मेरा रिजल्ट नहीं आएगा।”
न शिक्षा विभाग चेता, न प्रशासन ने लिया संज्ञान
इस पूरे मामले में अब तक न तो शिक्षा विभाग और न ही जिला प्रशासन ने कोई ठोस कार्यवाही की है, जिससे अभिभावकों में नाराजगी और निराशा लगातार बढ़ रही है।