बलरामपुर/लखनऊ- धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड और खुद को ‘छांगुर बाबा’ बताने वाला जलालुद्दीन अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड पर है। सोमवार को उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लखनऊ स्थित NIA स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 7 दिन की मांग के बजाय 5 दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर की।
अब ईडी उससे हवाला लेनदेन, विदेशी फंडिंग और संपत्तियों की खरीद-फरोख्त जैसे आर्थिक पहलुओं पर पूछताछ करेगी। यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलते नेटवर्क की तरफ इशारा कर रहा है, जिसमें सऊदी अरब और दुबई तक के कनेक्शन सामने आए हैं।
DGP का बड़ा बयान: “हर दोषी पर होगी सख्त कार्रवाई”
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने इस हाईप्रोफाइल मामले पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि ATS इस रैकेट की गहराई से जांच कर रही है। अब तक इस रैकेट से जुड़े 122 अवैध धार्मिक ढांचों को ध्वस्त किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, “जांच केवल सतही नहीं बल्कि फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन पर केंद्रित है। रैकेट में शामिल किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।”
अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज
सूत्रों के अनुसार, जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का नेटवर्क भारत से लेकर सऊदी और दुबई तक फैला हुआ है। जांच एजेंसियों को शक है कि विदेशी फंडिंग के जरिए धर्मांतरण कराने और उसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में करने का खेल चल रहा था।
ED और ATS की संयुक्त जांच अब छांगुर से उसके विदेशी नेटवर्क, फंडिंग स्रोत और अवैध संपत्तियों की जानकारी हासिल करने की कोशिश में है।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
DGP ने यह भी कहा कि इस साजिश का असर राज्य की सीमाओं तक हो सकता है, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया निगरानी को बढ़ा दिया गया है। एजेंसियां अब इस मामले को एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खतरे के रूप में देख रही हैं।